
सतर्कता से दी गई मुखाग्नि!
पीपीई किट पहन किया गया दाह संस्कार!
2-August,2020
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] शनिवार को कोरोना संक्रमित वृद्ध कैदी की मौत के 30 घंटे बाद मुक्तिधाम में दाह संस्कार किया गया। कैदी के परिजनों को दाह संस्कार के लिए 7 घटे इंतजार करना पड़ा। तब जाकर किसी तरहा उन्हें वृद्ध के मृत शव का अंतिम दर्शन मिल सका। दरसअल पामगढ़ क्षेत्र अंतर्गत एक गांव का रहने वाला 86 वर्षीय बुजुर्ग जो 2015 से 302 की सजा सैंट्रल जेल में काट रहा था। जो पिछले दो सालों से बीमार चल रहा था। इसी बीच उसकी तबियत बिगड़ने और कोरोना के लक्षण नज़र आने पर सेंपल लिया गया, और 28 जुलाई को कैदी कोरोना संक्रमित पाया गया था। जिसके बाद उसे कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहाँ इलाज के दौरान 31 जुलाई की सुबह उसकी मौत हो गई।

वही शव को मरच्यूरी में रखवाने के बाद उनके परिजन को कैदी की मौत होने की सूचना दी गई। मौत की खबर सुनकर शनिवार की सुबह करीब 11 बजे मृतक के परिजन कोविड अस्पताल पहुंचे। इधर जेल प्रशासन ने कागजी कार्रवाही करने के बाद इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी थी।
लेकिन 7 घंटे बीत जाने के बाद भी शव को मरच्यूरी से बाहर निकालने के लिए कोई कर्मचारी तैयार नहीं हुआ। परिजनों ने बताया कि सुबह से शाम तक उन्हें बैठा दिया गया था। और जब दाह संस्कार की जानकारी उन्होंने हॉस्पिटल स्टाफ से लेनी चाही तो उन्होंने भी अपना ठिकरा यह कह कर निगम के अधिकारियों के मत्थे मड़ दिया। की अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी नगर निगम की है। जिससे निराश परिजन जब शाम 5 बजे घर वापस जाने लगे तभी स्थानीय पुलिस और हॉस्पिटल प्रबंधन हरक़त में आई जिसके बाद परिजनों को तोरवा मुक्तिधाम भेजा गया। वहाँ भी करीब डेढ़ घंटे बाद डेड बॉडी मुक्तिधाम पहुँची। जिसके बाद परिजनों ने वृद्ध का दाह संस्कार किया।

कोविड हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हुए 86 वर्षीय बुजर्ग के दाह संस्कार को लेकर निगम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों हॉस्पिटल से मुक्तिधाम तक तैनात रहे। चूंकि मृत व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था। ऐसे में उससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था। जिसके मद्देनजर मौजूदा कर्मचारियों के साथ बुजर्ग के परिजनों को पीपीई किट उपलब्ध कराइ गई थी। जिसे पहन वृद्ध का दाह संस्कार किया गया।

