जान जोखिम में डालकर दवा लेने पहुंच रहे सेवानिवृत्त रेलकर्मी कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना!
4-August,2020
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] के रेलवे केंद्रीय अस्पताल में मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां ओपीडी में सेवानिवृत्त बुजुर्ग मरीज जान जोखिम में डालकर रोज दवा लेने आते हैं। यह जोखिम केवल कोरोनावायरस का नहीं है बल्कि यहां कभी भी उनके सर आफत टूट सकती है। कोरोना संक्रमण के साथ ही रेलवे आउटडोर हॉस्पिटल का ओपीडी औपचारिकता के लिए संचालित किया जा रहा है। यहां सामान्य दिनों में आने वाले सभी डॉक्टर गायब हो चुके हैं। रोज एक या दो डॉक्टर ही इन दिनों आते हैं जो बेहद जरूरी पेशेंट को ही दवा देते हैं। इन दिनों यहां इलाज ना के बराबर हो रहा है।लेकिन रेलवे के सेवानिवृत्त बुजुर्ग कर्मचारियों को नियमित रूप से दवाओं की आवश्यकता पड़ती है, जो उन्हें एक महीने के लिए दी जाती है।
जिन्हें मजबूरी वश महीने में एक बार अस्पताल आना ही पड़ता है। इन बुजुर्ग मरीजों के लिए कमरा नंबर 13 में एक डॉक्टर बैठते हैं, जो दवा लिखते हैं। इसके लिए यहां रोज सुबह से ही लंबी कतार लग जाती है। जहां कतार में लगकर बुजुर्ग मरीज अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हैं। यह कतार जिस बरामदे में लगती है ठीक वहां ऊपर की छत कमजोर होने से इसका एक हिस्सा पहले ही टूट चुका है और बाकी हिस्सा भी जर्जर होकर अटका हुआ है जो कभी भी गिर सकता है।
अगर छत का यह कमजोर हिस्सा किसी बुजुर्ग के सर पर गिर गया तो फिर ना जाने क्या हो। जिसके भी सर छत का कंक्रीट वाला हिस्सा टूटकर गिरेगा वह या तो बुरी तरह घायल होगा या फिर सर पर गिरने से उसकी जान भी जा सकती है । बावजूद इसके ना तो इसे सुधारने की कोई कोशिश हो रही है और ना ही किसी तरह की सावधानी बरती जा रही है, जबकि अस्पताल में अधिकांश कमरे इन दिनों खाली है। अगर चाहे तो दवा देने की यह प्रक्रिया उन कमरों में भी की जा सकती है और इस बीच जर्जर हो चुके छत की मरम्मत भी करवाई जा सकती है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिस कारण यहां कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। जिससे फिलहाल रेलवे अस्पताल प्रबंधन बिल्कुल बेपरवाह दिख रहा है। लेकिन इस आफत से अनजान बुजुर्ग मरीज रोज अस्पताल पहुंचकर इसी खतरनाक हिस्से में कतार लगा कर खड़े हो जाते हैं, जिन्हें यह भी नहीं पता कि कब उन पर आसमान की ओर से आफत टूट पड़े। इसे लेकर रेलवे अस्पताल प्रबंधन कब संजीदा होता है और कोई कारगर कदम उठाता है इसकी प्रतीक्षा रहेगी।