
लोगों ने मचाया हंगामा विरोध के बीच टीम ने किया अंतिम संस्कार
August 9, 2020
बिलासपुर-[जनहित न्यूज़] कोरोना वायरस बीमारी लोगो के लिए आफ़त बन गई है, ना तो इंसान को जीने दे रहा है और तो मरने के बाद भी यह पीछा नहीं छोड़ रहा। कोरोना के चलते हुई मौत के मामले में परिजनों को अब विकट परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। एक तो मृतक के साथ परिजन मिल भी नहीं सकते तो वही अब ऐसे शवों का दाह संस्कार भी लगाता कठिन होता जा रहा है।रविवार को ऐसी ही एक नज़ारा देखने को मिला। जब एक महिला को अंतिम संस्कार के लिए तोरवा छठघाट स्थित मुक्तिधाम लाया गया तो स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध करना शुरू कर दिया। असल में कोरोना का डर और दहशत इस कदर हावी है कि लोग संक्रमित होने को लेकर बेहद डरे सहमे हुए हैं। उन्हें लगता है कि कोरोना से संक्रमित मरीज के शव का अंतिम संस्कार उनके क्षेत्र में होने से पूरे इलाके में कोरोनावायरस फैल सकता है।

इससे पहले भी तोरवा मुक्तिधाम में 6 ऐसी ही लाशों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। लेकिन जब 38 वर्षीय महिला का शव यहां लाया गया लोगों ने जमकर विरोध शुरू कर दिया।
शव को मुक्तिधाम के अंदर ले जाने से भी रोका गया। मोपका निवासी 38 वर्षीय महिला को हृदय संबंधी परेशानियां थी, जिनका इलाज पहले मार्क अस्पताल और फिर केअर एंड क्योर अस्पताल में चल रहा था। इसी दौरान महिला रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई, जिनका सैंपल एम्स भेजा गया था। रिपोर्ट आने से पहले ही महिला की मौत हो गई, जिनके शव को अंतिम संस्कार के लिए तोरवा मुक्तिधाम लाया गया तो यहां विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोग यहां कोरोना संक्रमित लाशों को जलाने नहीं देना चाहते। उनका तर्क है कि इस तरह उनके क्षेत्र में भी संक्रमण फैल सकता है। इसी बात पर यहां हंगामा मचा रहा। दरअसल प्रशासन ने कोरोना संक्रमित मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए तोरवा मुक्तिधाम का ही निर्धारण किया है।

जिसे लेकर स्थानीय लोग, खासकर आसपास झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग डरे हुए हैं, जिनका कहना है कि अगर शासन ने ऐसा निर्णय लिया है तो फिर आसपास रहने वालों के विस्थापन और पुनर्वास की भी व्यवस्था की जाए ।वहीं क्षेत्र के पार्षद मोती भाऊ सहित अन्य लोगों का तर्क है कि अगर इस मुक्तिधाम का उपयोग संक्रमित लाशों के लिए किया जा रहा है तो फिर अन्य लोगों के अंतिम संस्कार के लिए इसे प्रतिबंधित कर दिया जाए या फिर किसी और श्मशान घाट की व्यवस्था की जाए, नहीं तो उनके भी संक्रमित होने की आशंका रहेगी। रविवार को भारी विरोध के बीच नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किसी तरह इस महिला का अंतिम संस्कार किया।वहीं रविवार को ही उसलापुर निवासी एक और महिला की मौत सिम्स में हुई है, जिसमें भी कोरोना संक्रमण पाया गया है।

